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एक रुपये का सफर

28 साल का एक लड़का, 

 

उसके शोल्डर पर एक कॉलेज बैग लटका हुआ था।

 

उसके माथे पर बाल बिखरे हुए थे। जिसमे वो लड़का बोहत handsome लगा रहा था।  

 

Black pant and white shirt बता रहे थे की वो लड़का collage या यूनिवर्सिटी से आया है। 

 

उसके हाथों में फोन था और कानों में लगी एयरफोन के साथ वो लड़का सर झुकाए अपने फोन में टाइप करते हुए एक के बस के अंदर घुस गया। 

 

आगे बैठे पैसेंजर को क्रॉस करते हुए उस लड़के ने बस में सबसे पीछे की सीट पकड़ी,  और अपने बैग को उस खाली सीट पर पटक कर आराम से पीठ लगाकर बैठ गया।  

 

लेकिन इस दौरान ना उस लड़के ने अपने फोन से चेहरा उठा कर ऊपर देखा था,,  और ना ही उसके हाथों की टाइपिंग रुकी थी। 

 

 इस लड़की के टाइपिंग speed को देख ऐसा लग रहा था जैसे कि किसी के साथ बहुत बड़ी online जंग लग रहा हो।  

 

 

 

तभी उस लड़के के कानों मे एक आवाज पड़ी,  ” टिकिट, टिकिट। ” 

 

आवाज को सुनते ही उस लड़के ने तुरंत सर उठाकर सामने देखा,  तो पाया की खाकी पैंट शर्ट मे 27 28 साल की लड़की उसके सामने खड़ी है,,  जो उसे टिकट मांग रही है।

 

 इसी के साथ टाइपिंग के लिए चलते उस लड़के के हाथ भी अचानक से रुक गए थे।   Or आँखे सामने खड़ी लड़की पर जाकर ठहर गई। 

 

 

 

किसी लड़की को कंडक्टर का काम करते देखा वो लड़का हैरान रह गया।   एक पल के लिए उसे शक हुआ कि ये लड़की कंडक्टर है भी या नहीं।  

 

 लेकिन,  उस लड़की के कंधे पर एक बैग लटका था,  हाथ में टिकिट फाड़ने वाला कैलकुलेटर, Or  उसकी ऊपर वाली poket पैसों से भरी हुई थी,, जिसमें 20 10 50 और 100 के नोट रखे हुए थे। 

 

ये देखकर उस लड़के को कंफर्म हो गया कि ये लड़की ही कंडक्टर है। 

 

 

 

“कंफ्यूज हो,, कि… एक लड़की कंडक्टर है? ”  उस लड़की ने मुस्कुराकर सवाल किया 

 

 

 

लड़के ने हाँ में सर हिला दिया।  

 

” कोई बात नहीं ऐसा होता है।  ये बताओ… कहां जाना है कहां के लिए टिकट काटूँ? ”  लड़की ने स्माइल करते हुए पूछा?  

 

 

 

” सौरभ नशियर,, किर्थल जा रहे है।”  लड़के ने जवाब दिया,, और साथ ही 20 का नोट उस लड़की की तरफ बढ़ा दिया।   

 

 

 

लड़की ने सौरभ को टिकट बना कर दिया,   और उसके ₹30 वापस करने के बाद अपना हाथ फिर से सौरभ की तरफ फैलाते हुए बोली,,  “1 रुपया है?”

 

 

 

” What..? ” सौरभ में थोड़ा हैरानी के साथ पूछा? 

 

“मैंने बस में बैठे सभी पैसेंजर से एक एक रुपया लिया है,   आप मुझे एक रुपया दे सकते हो? ”  उस लड़की ने smile के साथ पूछा।  

 

 

 

” Hmm… ” और अपने जवाब दिया और अपनी पॉकेट से एक रुपया निकल कर कंडक्टर लेडी को दे दिया।  

 

 

 

वो लड़की आगे चली गई।

 

 

 

लेकिन सौरभ के दिल को उस लड़की का एक रुपया मांगना इस तरह से खटक रहा था कि सौरभ वापस अपनी टाइपिंग पर अपना ध्यान लगा ही नहीं पाया था।   

 

 

 

सब लोगों की टिकट काटने के बाद वो कंडक्टर लेडी जैसे ही पीछे वाली खाली सीट पर आकर बैठी,,  तो उसने सारे पैसों को गिनना स्टार्ट कर दिया,, 

 

 

 

सौरभ उस लड़की को ध्यान से देख रहा था।

 

 

 

सारे पैसे की लेने के बाद उस लड़की ने पैसों को अपने कंधे पर लटकाए कंडक्टर पर्स में रखा,  और सारे पैसों में से एक रुपया निकालकर चिल्लाते हुए बोली,,  “अरे  ओह driver साहब,,  तुम्हारे हिस्से का कर रुपया ले रही हूं।  बाकी हिसाब में गड़बड़ नहीं होनी चाहिए।”

 

 

 

” ठीक है, ”  Driver ने हाथ उठाते हुए जवाब दिया और driving पर ध्यान लगा दिया। 

 

 

 

सौरभ के सब्र का बांध टूट जा रहा था।   जब सौरभ अपने दिमाग के सवालों को रोक नहीं पाया,,  तो उसने अपनी बगल में बैठे कंडक्टर लेडी से सवाल कर ही दिया,,

 

 

 

” आप सबसे एक रुपया क्यों मांग रही हैं?  जबकि आप ये काम करके भी अच्छे खासे पैसे कमा लेती होंगी? “

 

 

 

सौरभ का सवाल सुनकर वो लड़की मुस्कुराई और सौरभ की तरफ देखते हुए smile के साथ बोली,, ” मेरी बेटी है 3 साल की,  उसकी फीस जमा करने के लिए सब से एक रुपया लेती हूँ। “

 

 

 

“आपकी बेटी भी है? ”  सौरभ ने हैरान होकर पूछा? 

 

” Hmm.. ” लड़की ने जवाब दिया। 

 

” तो बेटी को छोड़ कर यहाँ काम क्यूँ कर रही हैं आप? ”  सौरभ ने सवाल किया। 

 

” पेट भरने के लिए।”  लड़की ने वही smile बरकरार रखते हुए जवाब दिया। 

 

” आपके पति नही है।” सौरभ ने पूछा! 

 

 लड़की ☺ बोली, ” छोड़ने वालो के नाम और पते नही बताये जाते।”

 

ये सुनते ही सौरभ को कंडक्टर लेडी से सिंपैथी होने लगे।  

 

 

 

” वैसे आपका घर कहां है? ”  सौरभ ने फिर से सवाल पूछा?

 

 

 

“जो  लड़की मायके और ससुराल से निकाली जा चुकी हो,, उनका कहीं घर नहीं होता।”‘ उस लड़की ने फिर से मुस्कुराते हुए जवाब दे दिया।

 

 

 

उस लड़की का जवाब सुनते ही इस बार सौरभ की बोलती बंद हो गई।  

 

सौरभ को कोई और सवाल न पूछते देख उस कंडक्टर लेडी में अपना फोन निकाला और एक गाना प्ले कर दिया, 

 

जीने के लिए,

 

सोचा ही नहीं,

 

दर्द संभालने होंगे, 

 

मुस्कुराए तो

 

 मुस्कुराने के

 

 कर्ज उतारने होंगे,

 

मुस्कुराऊँ कभी,

 

तो येलगता है

 

जैसे होठो पे कोई

 

कर्ज रखा है।

 

तुझसे नाराज नहीं,

 

जिंदगी हैरान हूं मैं,

 

तेरे मासूम सवालों से

 

परेशान हूं मैं,

 

होओ परेशान हूं मैं।”  

 

 

 

” लगता है ये गाना आपका फेवरेट है?”  गाने की चंद लाइन सुनने के बाद सौरभ ने इस बार smile करते हुए पूछा? 

 

 

 

 लड़की सौरभ को देख कर smile करते हुए बोली,  ” Hmm..  एहसास कराता रहता है कि यहाँ कोई चीज फ्री की नही मिलती,,  मुस्कराने की भी कीमत चुकानी पड़ती है। और ये समझते ही मै अपनी थकान भूल जाती हूँ।”  

 

 

 

” Hmm,, आज से मै भी यही गाना सुनूँगा।” सौरभ smile के साथ बोला। 

 

” क्यूँ… आपको भी तकलीफ है, ” लड़की ने पूछा? 

 

” Humm… बोहत बड़ी तकलीफ है,, जिसे बता भी नही सकता।”  सौरभ ने इतना बोल smile को और बड़ा कर दिया। 

 

” मैं पुछने वाली भी नही थी।”  लड़की मुस्कुरा बोली। 

 

” मैं कुछ पूछ सकता हूँ?”  सौरभ ने पहले इजाजत मांग ली। 

 

 

 

” उल्टा जवाब मिलेगा,  सीधा समझ सको तो समझ लुंगी समझदार हो।”  लड़की इतना बोल हँस दी। 

 

 

 

” Hmm तो फिर आप ये बताइये.. आपकी बेटी के school के फ़ोन मे उसकी mammy का नाम क्या है? ”   सौरभ ने इस बार सवाल ऐसा किया की वो लड़की एक पल के लिए सौरभ की तरफ हैरानी से देखने लगी।  

 

 

 

फिर अचानक से अपने चेहरे पर स्माइल  बिखेरते हुए बोली, ,   “मेघना…”

 

 

 

” Loyal लोग मुझे आज तक नही मिले, मै आपको खोना नहीं चाहता। तो क्या आप मेरी दोस्त बनेगी? ”  सौरभ ने इतना बोल अपना हाथ मेघना की तरफ बढ़ा दिया। 

 

 

 

” अंजान लोग दो बातों में अच्छे लगते है,, Or दो साल साथ रहने के बाद बुरे।  तो इतनी जल्दी फैसले नही लेते।”  मेघना इतना बोल मुस्कुराते हुए अपनी जगह पर खड़ी से उठी और बस रुकने के बाद आने वाले पेसेंजर की तरफ बढ़ गई। 

 

 

 

“दो साल का धोख़ा खाया है,, तो  दो जन्म की खुशियाँ डिजर्व करती हैं आप।”  खुद से इतना बोल सौरभ बस से उतरा, Or किसी को call लगा कर बाते करते हुए चला गया। 

 

 

 

मेघना ने लोगो की टिकिट काटने के बाद उनसे एक एक रुपया ले लिया। 

 

 

 

अगले दिन

 

दोपहर के 2 बजे… 

 

 एक lady,  दो लड़की, एक आदमी बस मे चढ़े और सबसे पीछे वाली सीट पर जाकर बैठ गए। 

 

मेघना टिकिट काटने के लिए पीछे वाली seat के पास पोहची,  Or टिकिट काटने लगी तो मेघना की नजर कोने मे चली गई जहाँ कल सौरभ बैठा था। 

 

 

 

उस कोने को देखते ही मेघना मुस्कुराई,, Or टिकिट देने के बाद अपने हाथ को उन लोगो के सामने करते हुए कहा,  ” एक रुपया है? ”  

 

इतना कहते के साथ ही उन दोनों लड़कियों, एक लेडी और आदमी ने मेघना के हाथ में एक एक रुपया रख दिया। 

 

मेघना वो चार रुपये poket मे रखने लगी,, तो अचानक से मेघा के हाथ रुक गए,   और मेघना अपनी हथेली खोलकर अपनी हथेली पर रख चांदी के चार सिक्कों को हैरानी से देखने लगी।

 

 

 

“मैंने सिर्फ एक रुपया मांगा था,,  चांदी के सिक्के नहीं। ”  मेघना मुस्कुरा कर बोली।

 

 

 

“पर बेटा… रिश्ता रोकने के लिए तो चांदी का सिक्का दिया जाता है।”   दोनों लड़कियों और आदमी के बीच बैठी वो औरत मुस्कुराते हुए बोली।

 

 

 

उस औरत की बात सुनकर मेघा हैरानी से उस औरत को देखने लगी। 

 

 

 

तभी पीछे से  जानी पहचानी आवाज आई,,  “इतना सोचोगी तो बस मे बैठे पेसेंजर हल्ला मचाने लगेंगे।”

 

 

 

आवाज सुनकर मेघना पीछे पलटी,,  तो मेघना ने देखा पीछे सौरभ खड़ा मुस्कुरा रहा था।

 

और उससे भी हैरानी की बात ये थी कि सौरभ की गोद में इस वक्त उसकी 3 साल की बेटी किट्टू ऐसे खेल रही थी,,  जैसे कि वो सौरभ को न जाने कितने सालों से जानती है।  

 

 

 

मेघना के चेहरे की सारी स्माइल गायब हो चुकी थी।

 

 

 

मेघना तुरंत सौरभ की तरफ बढ़ी, और किट्टू को सौरभ की गोद से लेने के बाद सौरभ के हाथ में उसके चांदी के सिक्के रखते हुए बोली,,  ” मजाक अच्छा कर लेते है आप, पर मै मजाक के मूड मे नही हूँ।  अपने सिक्के पकड़ो और निकलो यहां से।”

 

 

 

 

 

मेघना के इतना चिल्लाते ही ड्राइवर ने बस को रोक दिया।

 

 बस में बैठे सारे पैसेंजर सौरभ मेघना और सौरभ की फैमिली को देखने लगे।  

 

 

 

सौरभ ने अपने हथेली में मेघना के रखे सिक्कों को देखा,  और इस बार मेघना के सामने एक घुटने के बल झुकते हुए अपने हाथ को मेघा की तरफ फैलाते हुए बोला,  “इन चंद सिक्कों के बदले एक खजाना मांगने आया हूँ आपसे?  और वो खजाना आपकी बेटी है, जिसे मै उसकी माँ के साथ अपनाना चाहता हूं।  please मना नही कीजियेगा।  I love you so much. मुझे 27 सालों से जिसकी तलाश थी वो मिल गई है तो मै उस कीमती खजाने को खोना नहीं चाहता।”

 

मेघना को सौरभ की बात सुनने के बाद ऐसा सदमा लगा कि मेघना कुछ बोल ही नहीं पाई।   

 

 

 

“बेटा… मेरे घर की बहु बन जाओ, मै तुम्हे बेटी की तरह और किट्टू को अपनी पोती की तरह रखूंगी।”   सौरभ की माँ ने मेघना के सामने अपने हाथ जोड़ दिये। 

 

 

 

” आज की दुनिया को देख देख कर मेरे बेटे ने शादी करने से ही मना कर दिया था। लेकिन जब से ये तुमसे मिल कर घर गया,  तो जिद लेकर बैठ गया कि शादी करनी है वो भी तुमसे   वरना किसी से शादी नही करेगा।  please मेरे बेटे के साथ हमारे आंगन की लक्ष्मी बन कर आ जाओ। हम सब तुम्हे बोहत खुश रखेंगे।”  सौरभ के पापा रिक्वेस्ट करते हुए बोले। 

 

 

 

” भाभी… आपकी खुशी की जिम्मेदारी हमारी।  भाई ने जरा भी गड़बड़ की, तो मै और दी भाई के कान उनके सर से अलग कर देंगे। please शादी के लिए हाँ कर दो।”  सौरभ की बहने मेघना से जिद करने लगी। 

 

 

 

” देखिये… आप लोगों को मुझसे अच्छी लड़की मिल जायेगी। मै आपके बेटे के लिए सही नही हूँ।”  इतना बोल मेघना बस से उतरने लगी। 

 

मेघना के इंकार की वजह से सौरभ की आँखों में आसुं आ गए। 

 

लेकिन,  मेघना के उतरने से पहले ही किट्टू ने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया। Or हैरानी की बात ये थी की किट्टू रोते हुए पापा पापा बोले जा रही थी, जबकि आज तक किट्टू ने पापा शब्द नहीं बोला था। 

 

सौरभ तुरन्त आगे बढ़ा, Or मेघना से किट्टू को लेकर नाराजगी दिखाते हुए बोला, ” आपको मेरे प्यार की कदर नही,, लेकिन मेरी बेटी मेरे बिना नही रह सकती,  इसलिए आप जाइये, मै मेरी बेटी का ख्याल खुद रख लूंगा।  पर आपको रोज मेरे i love you को बेरहमी से ठोकर मारनी होगी।  क्योकि मै अब आपको हर रोज i love you बोलने आऊंगा।”

 

 मेघना को समझ नहीं आ रहा था कि वो सौरभ के सवालों का क्या जवाब दे,,  और सौरभ को किस तरह कैसे रोके,

 

की मेघा का दिमाग तब चकरा गया जब किट्टू सौरभ की गोद में जाते ही अचानक से चुप हो गई।

 

और सौरभ के गले में हाथ डाल कर ऐसे लेट गई, जैसे वो मेघना की गोद में सोती थी।

 

 

 

मेघना खामोशी से किट्टू को देखे जा रही थी कि तभी ड्राइवर मेघना के पास आकर बोला,  ” बेटा… ये यहाँ के djp साहब है।  Or ये मेरे गाँव से है, मै इन्हे जानता हूँ। बोहत भले इंसान है। तुम शादी के लिए हाँ कर दो, मै खुद गारन्टी लेता हूँ कि तुम बोहत खुश रहोगी।  Or एक दिन खुद कहोगी कि सौरभ तुम्हारी जिंदगी मे पहले क्यों नही आया।”

 

 

 

ड्राइवर मेघना का सबसे भरोसेमंद काका था, जो मेघना को शहर से यहाँ लेकर आया था और मेघना काका के ही घर पर किट्टू के साथ रहती थी।   तो इस बात मे कोई शक नहीं था कि वो मेघना के लिए बुरा सोचेंगे।

 

 

 

लेकिन मेघना अभी भी शादी के लिए तैयार नहीं थी। 

 

 

 

तभी सौरभ एक बार फिर से  मेघना के पास आया और मेघना की तरफ अपना हाथ बढ़ाते हुए बोला, ,   “ये वादा है djp सौरभ नशियर का, कि वो आपका भरोसा जीतने के लिए भी अपनी जान लगा देगा। 

 

इश्क करते हैं आपसे।

 

इसलिए आपसे इश्क़ का हक मांग रहे हैं। 

 

वरना ये दीवाना लौट जाएगा, ,  

 

आपके जवाब के इंतजार मे।”

 

 

 

“मेरी बेटी को बाप का प्यार दे पाओगे?  कल को एक और औलाद पैदा हो गई तो मेरी बेटी को इग्नोर तो नहीं करोगे?”  इस बार मेघना ने सीधे सवाल कर दिया।

 

 

 

“आप कहो तो नसबंदी भी करवा लूंगा। दूसरी औलाद भी होने का chance ही खत्म”  सौरभ ने इस बार मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

 

 

 

सौरभ का जवाब सुनते ही पूरी बस में मौजूद सब लोग हंसने लगे।  यहां पक्की एक पल के लिए हैरान रहने के बाद मेघना भी मुस्कुराने लगी।  

 

 

 

मेघना ने हंसते-हंसते अपनी हथेली को सौरभ के सामने किया,, और सौरभ की आंखों में आंखें डाल कर बोली,,  “एक रुपए का शगुन मिलेगा।”

 

 

 

  • सौरभ ने अपने हाथ मे पकड़े चांदी के सिक्कों को मेघना की हथेली पर रखते हुए कहा,, ” एक रुपये का सफर एक रुपए के शगुन तक पहुंच ही गया।”

 

 

 

इतना बोलकर सौरभ ने मेघना को भी अपने गले से लगाया,, और मेघा के माथे को चूमकर बोला,   “आई लव यू सो मच।”  

 

 

 

” And the love you मेरी एक रुपये मे मिलने वाली भाभी।”  सौरभ की पहले इतना बोलकर खुश होते हुए मेघनाना और सौरभ के गले लग गई।  

 

 

 

सौरभ के माता-पिता आंखों में खुशी के आंसू लिए मेघना सौरभ को देखने लगे।   

 

 

 

 

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